Monday, May 4, 2009

प्यार - २[ रूचि]

थोड़ी ही देर बाद, मोनिका की दीदी आई. बोली, मोनिका आज आने में थोड़ी देर हो गई है. बहन तुम्हें दिक्कत तो नहीं हुई.मोनिका-राजेश की ओर देखकर मुस्कुराती हुई बोली, नहीं मम्मी, राजेश मेरा काफी ख्यालरखता रूचि समझ गई कि उसकी बहन जवान हो गई है.मोनिका बहुत खुश थी.रूचि मोनिका से बोली, मोनिका एक अच्छी फिल्म लगी है, चलोगी देखने.मोनिका बोली, दीदी राजेश के साथ चली जाओ, आज मन कुछ ठीक नहीं है.रूचि ने आज शावर में पूरी तरह नंगी होकर स्नान किया. तीन वर्षों बाद बूर के बालसाफ किए. अपनी बूर को गौर से देखा. अभी भी उसकी बूर उन्नीस साल की किसीकुवारी की तरह जवान दिख रही थी. उसे पछतावा हो रहा था कि आखिर उसने किसलिएअपनी बूर को चुदाई के सुख से वंचित रहा. उसने जालीदार पैंटी और ब्रा में देखा, बहुतसेक्सी लग रही थी. हालांकि उसकी उम्र चौंतीस से कम नहीं थी मगर वह पच्चीस सेज्यादा की नहीं लग रही थी. गहरे हरे रंग की सारी ब्लाऊज और साड़ी में सिमटी उसकीछरहरी काया बड़ी ही मादक लग रही था. राजेश ने रूचि को इतनी सेक्सी पहली बारदेखा था. उसने देखा तो बस देखता रह गया. सोचा, यदि रूचि को चोदा जाय तोकितना आनंद आएगा. दोनों ने फिल्म देखी. लौटती में रूचि ने अपने लिए ब्रा और पैंटी का एक जोड़ा खरीदा.लौटते-लौटते रात के दस बज चुके थे. रूचि बोली- राजेश , थोड़ी थकान सी लग रही है.राजेश बोला बहन तेल लगाकर मालिश कर दूं.रूचि तैयार हो गई. राजेश मालिश करने लगा.रूचि ने पूछा, राजेश , तूने आज मोनिका के साथ जो कुछ किया था क्या उसने करने कहाथा.जी, हां मेरी जान उसने मुझे मजबूर किया. उसने कहा, यदि तुम नहीं करोगे तो घर से बहार जाकर चुद्वऊंगी .रूचि ने सोचा, यदि जवान बहन को डॉटती फटकारती है तो बाहर जाकर किसी और सेकरवाएगी. आखिरकार घर की बात घर में रहे तो अच्छा है.माया ने पूछा, अगली बार करने कहे तो कडोम लगाकर करना.राजेश बोला मेरी जान, मैंने तो कई बार कहा था, लेकिन वो कह रही थी कि कंडोम लगाकरउतना आनंद नहीं आता है.रूचि बोली, जो भी करना, जरा धीरे करना. अभी बच्ची है.राजेश ठीक है मेरी जान .राजेश रूचि की पीठ में तेल लगाकर हौले-हौले सहलाने लगा. वर्षों बात पुरूष के हाथ नेमाया के जिस्म को छुआ था, रूचि के पूरे शरीर में करोड़ों चीटिंयां रेंगने लगी.जवान औरत के गोरे चिकने जिस्म को छूकर राजेश का खून गर्म होने लगा.राजेश का हाथ रूचि के ब्लाऊज के अंदर घूसने की कोशिश करने लगी. रूचि ने कहा, राजेश , ब्लाऊज को हुक खोल दो.इसके बाद तो राजेश ने सिर्फ ब्लाऊज ही नहीं, ब्रा का हुक भी खोल दिया और रूचि कीचुच्चियों को पकड़कर दबाने लगा. रूचि मदहोश होने लगी. वर्षों बाद उसे जवानी का सुखमिल रहा था वह जल्दी ही मदमस्त हो उठी, मगर राजेश रूचि जैसे खूवसूरत और जवानऔरत को यूं ही चोद देना नहीं चाहता था। रूचि के होठों को होठों में लेकर मस्ती मेंचूसने लगा. रूचि भी राजेश के होठों को चूसने लगी. रूचि बेहद सेक्सी महिला थी. .रूचि के नरम होठों का दबाव पड़ते ही राजेश के शरीर का खून वाष्प बनकर उड़ने लगा. राजेश रूचि की बड़ी-बड़ी पुष्ठ चुच्चियों पर झुक गया और चुंबनों की बौछार करते हुए बायींचुचुक को मुंह में भर लिया. रूचि पूरी मस्ती में जोर से सीत्कार उठी.राजेश ने रूचि को पीठ के बल लिटा दिया.कुछ देर के लिए रूचि को लगा कि राजेश उससे अलग हो गया है। अगले ही क्षण उसने राजेश की उपस्थिति अपने बायें पैर के अंगूठों में महसूस की.राजेश ने रूचि के बायें अगूठे पर एक गहरा चुंबन दिया. मस्तानी रूचि जोर से सीत्कारउठी. सीत्कार सुनकर मोनिका अपने कमरे से बाहर आई. अधखुली खिड़की से सब कुछ देखनेलगी.राजेश ने रूचि की साड़ी को थोड़ो ऊपर खिसका दिया और रूचि के टांगों की चिकनीपिंडलियों को चूमने लगा. रूचि मस्ती में सिसकियां भरती रही.राजेश ने साड़ी को थोड़ा उठाया और घुटनों को प्यार से चूमा.साड़ी को थोड़ा खिसकाया और कदली खंभ सी चिकनी और पुष्ट जांघों पर चुंबनों की बौछारशुरू कर दी.रूचि की जंघाये थरथराने लगी, लेकिन राजेश ने चुबनों की झड़ी लगानी जारी रखी.साड़ी को थोड़ा ऊपर उठाया, थोड़ा और ऊपर, पारदर्शी पैंटी में रूचि की मस्तानी बूर कोदेखकर राजेश पागल हो उठा, बोला, हाय मेरी रानी और साड़ी को कमर से ढीला कर उसेअलग कर दिया और बूर पर झुक गया और पागलों की तरह चूमने लगा. रूचि मस्ती मेंसीत्कारती हुई राजेश के सिर को अपनी टांगों से बांध लिया. राजेश रूचि की प्यारी बूरको काफी देर तक चूमता रहा. उसका हाथ ऊपर बढ़ने लगा. बढ़कर रूचि की चुच्चियों सेखेलने लगा. चुच्चियों से खेलते हुए उसने रूचि की चुचुक को चुटकी में पकड़कर मसलनेलगा. चुचुक तनकर मस्त हो चुकी थी, मस्ताई हुई चुचुक को मसलने में राजेश को खूबमजा आ रहा था.रूचि मदहोश होकर बोली, राजेश प्लीज अब और बर्दास्त नहीं होता.राजेश ने रूचि के शरीर से पैंटी हटाकर उसे पूर्ण नग्न कर दिया.उसकी मस्तानी बूर पर लंड टिकाकर रूचि को बांहों में भर लिया.होठों को चूसते हुए लंड बूर में पेल दिया. राजेश का विशाल लंड बूर में जाते ही रूचि चिहुंक उठी, ऊई मां मैं मर गई.पर राजेश कहां मानने वाला था. उसने रूचि की चुच्चियों को प्यार से दबाते हुए होठों कोचूसने लगा.माया जल्द ही मस्त हो उठी. राजेश ने रूचि की पतली कमर को हथेलियों में थामकरधीरे-धीरे चोदना शुरू किया. माया पूरे तेरह साल बाद चुदा रही थी, रूचि पागलहुई जा रही था.राजेश को रूचि की चुदाई से बहुत ही आनंद मिल रहा था. रूचि परिपक्व लड़की थी, इसलिए चुदाई में पूरा सहयोग कर रही था. राजेश पूरी मस्ती में रूचि को चोद रहा था.रूचि ने सोचा अगर राजेश यू ही चोदता रहा तो जल्दी झड़ जाएगा, इसलिए राजेश सेकहा, राजेश बाबू अब थोड़ा धीरे होइये.राजेश थम गया.दोंनो के बीच एकबार फिर चुंबन और आलिंगन का दौर शुरू हुआ. रूचि के होठों को चूसतेहुए राजेश उसकी मादक चुच्चियों से खेलने लगा. चुच्चियों पर चुंबनों की बारिश और फिरचुचुकों को चूसने से रूचि मदहोश हो उठी.रूचि ने कहा, राजेश अब फिर से अपना काम शुरू करो,राजेश फिर उसी मस्ती से रूचि को चोदने लगा. रूचि की मदहोश नर्म मुलायम चुच्चियांमाया की छाती से चिपक कर उसे महान सुख दे रही थी. वहीं रूचि की बूर उसके लंड कोप्यार से चूम रही थी. राजेश पूरी स्पीड में रूचि को चोदने लगा. रूचि को पूरा आनंदमिल रहा था. रूचि बोली, चोदो मेरे राजा, और जोर से चोदो. राजेश समझ गया किमाया अब झड़ने वाली है. वह और भी तल्लीनता से उसकी चुदाई करने लगा. लंड पूरीमस्ती में बूर के अंदर आ-जा रहा था.दोनों पसीने से तर-बतर हो चुके थे. फिर भी रूचि राजेश के शरीर में छिपकली के भांतिचिपकी जा रही थी. एक जोर दार किलकारी भरती हुई रूचि राजेश की छाती से चिपकगई.राजेश भी तेज दौड़कर थके घोड़ की तरह रूचि की चुच्चियों के बीच सिर रखकर शांत होगया.थोड़ी देर के बाद दोनों सचेत हुए. चुंबन आलिंगन का दौर फिर से शुरू हुआ.रूचि बोली, राजेश , पिछले तेरह सालों में मैं तो भूल ही गई थी कि संभोग सुख भी कोईसुख होता है. आज तूने हमें ये सुख देकर इस सुख का अहसास करा दिया है अब तो मैंतेरे बिन एक पल भी नहीं रह सकती हूं.राजेश बोला तुम्हारी जैसी लड़की प्यार पाने के लिए सिर भी चढ़ाना पड़े तो सौदा सस्ताहै.रूचि बोली, तो समझो, आज से रूचि का प्यार तेरे लिए, और राजेश को चूमनेलगी.

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